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महला जाति (Mahla Caste) की उत्पत्ति और इतिहास

कहा जाता है कि इनकी उत्पत्ति महाभारत काल के चंद्रवंशी राजा मल्ल (मल्ल) से हुई थी। फिरोजपुर परंपरा यह मानती है कि सरोइया, जाट, के पांच बेटे थे, संघ, मल्ली, ढींडसा, ढिल्लों और दुसांज, जितने गोट के समानार्थी थे।

Mahla caste
                                                                               Mahla Caste
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महला परिवार का इतिहास

मोहिल-महला-माहिल – यह चन्द्रवंशी जाटवंश है जिसका प्राचीनकाल से शासन रहा है। रामायणकाल में इनका जनपद पाया जाता है। महाभारत भीष्मपर्व 9-48 के अनुसार माही और नर्मदा नदियों के बीच इनका जनपद था।

यह जनपद गुजरात एवं मालवा की प्राचीन भूमि पर था। पं० भगवद्दत्त बी०ए० ने अपने ‘भारतवर्ष का इतिहास’ में इनके इस जनपद को इन्हीं दोनों नदियों के बीच का क्षेत्र लिखा है। टॉड और स्मिथ ने इस जनपद को सुजानगढ़ बीकानेर की प्राचीन भूमि पर अवस्थित लिखा है।

जैमिनीय ब्राह्मण 1-151, बृहद्दवेता 5-62, ऋक्सर्वानुक्रमणी 5-61 के अनुसार अर्चनाना, तरन्त पुरुमीढ़ नामक तीन मन्त्रद्रष्टा-तत्त्वज्ञ कर्मकाण्डी माहेय ऋषियों का वर्णन मिलता है।

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मोहिल जाटवंश ने बीकानेर राज्य स्थापना से पूर्व छापर में जो बीकानेर से 70 मील पूर्व में है और सुजानगढ़ के उत्तर में द्रोणपुर में अपनी राजधानियां स्थापित कीं।

इनकी ‘राणा’ पदवी थी। छापर नामक झील भी मोहिलों के राज्य में थी जहां काफी नमक बनता है। कर्नल जेम्स टॉड ने अपने इतिहास के पृ० 1126 खण्ड 2 में लिखा है कि “मोहिल वंश का 140 गांवों1 पर शासन था।

महला कोनसी जाति हैं

Mahla Caste जाटों में आती है यह चन्द्रवंशी जाटवंश है जिसका प्राचीनकाल से शासन रहा है इनको मोहिल-महला-माहिल भी कहा जाता हैं। इस पोस्ट में आपको महला जाति के बारे में बताया है महला जाट महला क्या है वह कहा से आये महला कौन है सभी जानकारी दी गई है।

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