Diwali 2023- हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल मैं आपको बताएंगे की 2023 में दीपावली कब है? और दीपावली का शुंभ मुहूर्त और माता राणी की पूजा विधि के बारे में भी आपको जानकारी देंगे , तो आओ शुरू करते है दीपावली 2023 के बारे में-
Diwali 2023
दिवाली हिंदू संस्कृति के बड़े त्योहारों में से एक है और इसे पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल लोग दिवाली के त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अमावस्या को पड़ने वाले इस पर्व को अंधकार पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की, बुराई पर अच्छाई की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक माना जाता है।
2023 में दीपावली कब है?
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली रोशनी का त्योहार दिवाली इस साल 2021 में 4 नवंबर गुरुवार को है। दीपावली हो या दीपावली जो भी हो वातावरण को रोशन करने के लिए। दिवाली हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में मनाई जाती है। सनातन धर्म में इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है।
Diwali 2021 :- दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पर प्रदोष काल में अमावस्या तिथि को लक्ष्मी पूजन का विधान है। कहा जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद रावण के 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद दीवाली के दिन श्री राम अयोध्या आए थे। जिससे पूरा शहर जगमगा उठा।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त – Diwali 2023
Diwali 2023- दिवाली का शुभ मुहूर्त पूरे दिन के लिए होता है। इस दिन से पहले घर के हर कोने की अच्छी तरह से सफाई कर दी जाती है। फिर दीपावली के दिन शाम के बाद शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा करें, आओ शुरू करें :-
- अमावस्या तिथि प्रारंभ :- 04 नवंबर 2023, सुबह 06:03 बजे से
- अमावस्या तिथि समाप्त :- 05 नवंबर 02:44 तक है।
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त :- 06:10 PM to 08:06 PM
- पूजा की अवधि :- 01 घंटा 54 मिनट
- प्रदोष काल मुहूर्त :- 05:34 अपराह्न से 08:10 अपराह्न तक
- वृष लग्न :- 18.10 से 20.06
- महानिशिथ काल :- 23.38 से 24.30
- विशेष सिंह लग्न :- दोपहर 12.42 बजे से दोपहर 02.59 बजे तक
दीपावली पूजन विधि – Diwali 2023
Diwali 2023- दिवाली संस्कृत शब्द दीपावली से बना है जिसका अर्थ है रोशनी का त्योहार। आपको बता दें कि दिवाली 5 दिनों का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर खत्म होता है। आओ आपको पूरी जानकारी बताते है-
- 2 नवंबर :- धनतेरस
- 3 नवंबर :- नरक चतुर्दशी
- 4 नवंबर :- दीपावली
- 5 नवंबर :- गोवर्धन पूजा
- 6 नवंबर :- भाई दूज
दीपावली की पूजा हमेशा स्थिर लग्न में ही करनी चाहिए। इससे लक्ष्मी का वास स्थायी रूप से होता है। समृद्धि सदा बनी रहती है। इसके लिए इस दिन लक्ष्मी की पूजा के लिए एक आसन लें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां रखें और जल से भरा कलश रखें. जल, मौली, चावल, फल, गुड़ अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें। इसके साथ ही मां सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की विधि विधान से पूजा करें. महालक्ष्मी पूजा पूरे परिवार को एक साथ करनी चाहिए।
इस दिन शाम और रात में शुभ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और देवी सरस्वती की पूजा व पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अँधेरी रात को महालक्ष्मी स्वर्ग से पृथ्वी पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जिस घर में हर तरह से साफ-सुथरा रहता है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। मां लक्ष्मी के साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। पूजा के दौरान सबसे पहले घर की सफाई करें और पूरे घर में साफ-सफाई और पर्यावरण की शुद्धता पर ध्यान दें। इसके लिए पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। घर को रंगोली और दीपों से सजाना चाहिए।
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दीपावली कौन से महीने में पढ़ रही है?
हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को दिवाली या दीपावली को मनाया जाता है। इस साल कार्तिक अमावस्या 04 नवंबर, गुरुवार को है।
अंतिम शब्द
Diwali 2023- दोस्तों, आज इस पोस्ट में मेने आपको दीपावली कब है और दिनांक, तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में आपको विस्तार से जानकारी दी है अगर हमारे द्वारा दी गयी दीपावली 2023 के बारे में पसंद आयी तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे।